हार्डवेयर :- कंप्यूटर ऐसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है , जो इनपुट प्राप्त करने , उसे प्रोसेस करके सूचना प्रदान करने के लिए निर्देशों का पालन करती है । इस पुस्तक में मुख्यतः माइक्रोकंप्यूटर पर आधारित है । यद्यपि यह निश्चित है कि आप कम से कम अप्रत्यक्ष रूप से दूसरे प्रकार के कंप्यूटरों से भी परिचित होंगे ।
कंप्यूटर के प्रकार :- कंप्यूटर चार प्रकार के होते हैं : सुपर कंप्यूटर , मेनफ्रेम कंप्यूटर , मिनी कंप्यूटर और माइक्रोकंप्यूटर ।
सुपर कंप्यूटर :- सबसे शक्तिशाली कंप्यूटर हैं । ये मशीन उच्च क्षमता वाले कंप्यूटर होते हैं जिनका प्रयोग बड़े संस्थानों में होता है । आई.बी.एम. का ब्लू जेने विश्व के सबसे तेज़ कंप्यूटरों में से एक है ।
मेनफ्रेम कंप्यूटर :- विशेष रूप से बने वातानुकूलित कमरे में रखे जाते हैं । यद्यपि ये सुपरकंप्यूटर की तरह शक्तिशाली नहीं होते लेकिन इनकी प्रोसेसिंग की गति और डेटा स्टोरेज की क्षमता बहुत अधिक होती हैं । जैसे बीमा कंपनियाँ अपने लाखों पॉलिसी धारकों की सूचनाओं को प्रोसेस करने में इसका इस्तेमाल करती हैं ।
मिनी कंप्यूटर को मिडरेंज कंप्यूटर भी कहा जाता है और ये रेफ्रिजरेटर के आकार वाली मशीन होती हैं । मध्यम आकार वाली कंपनियाँ या बड़ी कंपनियों के विभाग इसका इस्तेमाल खास उद्देश्य के लिए करते हैं । जैसे , प्रोडक्शन विभाग उत्पादन प्रक्रियाओं तथा एसेंबली लाइन आपरेशन को निर्देश देने के लिए इसका उपयोग करते हैं । माइक्रोकंप्यूटर सबसे कम षक्तिशाली किंतु सबसे अधिक प्रचलित कंप्यूटर हैं जिनका उपयोग तेजी से बढ़ रहा है । माइक्रोकंप्यूटर के चार प्रकार हैं- डेस्कटॉप , नोटबुक , टैबलेट पीसी और हैंडहेल्ड कंप्यूटर डेस्कटॉप कंप्यूटर आकार में इतने छोटे होते हैं , कि इन्हें मेज़ पर रखा जा सकता हैं , लेकिन इनको एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं ले जाया जा सकता है । नोटबुक कंप्यूटर को लैपटॉप कंप्यूटर भी कहते हैं । ये छोटे , हल्के और ब्रीफकेस में रखे जाने लायक होते हैं । टैबलेट पीसी , नोटबुक कंप्यूटर का एक प्रकार है जो आपकी लिखावट को स्वीकार करता है । लिखावट के इस इनपुट को डिजिटाइज़्ड करके स्टैंडर्ड टेक्स्ट में कनवर्ट करते हैं जिसे वर्ड प्रोसेसर जैसे प्रोग्राम में प्रोसेस किया जाता है । हैंडहेल्ड कंप्यूटर सबसे छोटे आकार का होता है जिसे हथेली पर रखा जा सकता है । इन सिस्टम में इलेक्ट्रॉनिक घटकों , सेकेण्डरी स्टोरेज , और इनपुट एवं आउटपुट उपकरणों सहित कंप्यूटर की सभी प्रणालियां शामिल होती हैं । पर्सनल डिजीटल असिसटेंट ( पी.डी.ए. ) और स्मार्टफोन सर्वाधिक प्रचलित हैंडहेल्ड कंप्यूटर हैं ।
माइक्रोकंप्यूटर हार्डवेयर :- माइक्रोकंप्यूटर सिस्टम के हार्डवेयर में विभिन्न उपकरण होते हैं । इस उपकरण के चार मूल भाग होते हैं : सिस्टम युनिट , इनपुट / आउटपुट , सेकेंडरी स्टोरेज और संचार । चूंकि इस पुस्तक में आगे के अध्यायों में हार्डवेयर की चर्चा विस्तार से की गई है , अतः यहां हम इसके चार मूल भागों का सक्षिप्त वर्णन करेंगे ।
सिस्टम यूनिट :- सिस्टम यूनिट एक प्रकार का कंटेनर होता है , जिसमें कंप्यूटर सिस्टम के अनेक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होते हैं । सिस्टम यूनिट के दो महत्वपूर्ण घटक माइक्रोप्रोसेसर और मैमोरी होते हैं। माइक्रोप्रोसेसर आँकड़ों का नियंत्रण एवं संचालन कर सूचना देता है । अक्सर माइक्रोप्रोसेसर एक प्रोटेक्टिव कार्टीरिज मैमोरी के भीतर होता है , जिसे प्राइमरी स्टोरेज या रैंडम एक्सेस मैमोरी भी कहते है , जिसमें आँकड़े होते हैं , और इन आँकड़ों को प्रोसेस करने के लिए प्रोग्राम निर्देशिका भी होती है । इसमें आउटपुट में जाने से पहले प्रोसेस्ड सूचनाएं भी होती हैं । मैमोरी को कभी कभी क्षणिक स्टोरेज भी कहा जाता है क्योंकि इसमें जमा सूचनाएँ विद्युत उर्जा की आपूर्ति रोके जाने पर खो सकती है ।
इनपुट / आउटपुट- इनपुट डिवाइस :- मानव द्वारा समझे जाने वाले डेटा और प्रोग्राम को कंप्यूटर द्वारा प्रोसेस किए जा सकने वाले रूप में परिवर्तित करती हैं । सर्वाधिक प्रचलित इनपुट डिवाइस की - बोर्ड और माउस हैं । आउटपुट डिवाइस कंप्यूटर से प्राप्त प्रोसेस्ड सूचनाओं को उस रूप में प्रस्तुत करता है , जिसमें मनुष्य समझ सकता है । सबसे प्रचलित आउटपुट डिवाइस हैं , मॉनीटर और प्रिंटर |
सेकेंडरी स्टोरेज :- मैमोरी के विपरीत , सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस डेटा और प्रोग्राम को कंप्यूटर सिस्टम को बंद कर दिए जाने के बाद भी सुरक्षित रखता है । सबसे महत्वपूर्ण सेकेंडरी मीडिया हार्ड डिस्क , सॉलिड स्टेट स्टोरेज एवं ऑप्टिकल डिस्क हैं । हार्ड डिस्क का उपयोग प्रोग्राम या बहुत बड़ी डेटा फ़ाइल का संग्रह करने के लिए होता है । हार्ड डिस्क में एक कठोर घातु की प्लेट का प्रयोग करते है , और रीड एवं राइट करने के हेड्स इस प्लैटर पर घूमते हैं और डिस्क की सतह पर चुंबकीय आवेशों का उपयोग करके आंकड़ों एवं सूचनाओं को स्टोर किया जाता है । इसके विपरीत , सॉलिड स्टेट स्टोरेज में कोई भी अलग करने योग्य भाग नहीं होते , यह अधिक विश्वसनीय होता है , और इसमें कम बिजली की आवश्यकता होती है ।
रैम की तरह यह भी आंकड़ों एवं सूचनाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर करता है , लेकिन अंतर बस यह है कि यह क्षणिक नहीं होता । इसके दो प्रकार हैं , एक फ्लौश मैमोरी कार्ड , जिनका उपयोग पोर्टेबल उपकरणों में बहुतायत ' से होता है , और यू . एस . बी . ड्राइव , जो स्टोरेज के ऐसे माध्यम हैं , जिनका उपयोग किसी कंप्यूटर से दूसरे उपकरणों में डेटा के आदन प्रदान के लिए प्रचुरता से किया जाता है । सब अधिक क्षमता वाली ऑप्टिकल डिस्क में लेज़र टेक्नोलॉजी का प्रयोग होता है । ऑप्टिकल डिस्क के दो मुख्य प्रकार हैं , कॉम्पैक्ट डिस्क ( सीडी ) और डिजिटल वर्सटाइल ( या ) वीडियो ) डिस्क ( डीवीडी ) , और हाई - डेफिनिशन ( हाई - डेफ़ ) डिस्क ।
संचार :- एक समय माइक्रोकंप्यूटर सिस्टम का संचार दूसरे कंप्यूटर सिस्टम से होना अप्रचलित था । अब संचार डिवाइस के प्रयोग के द्वारा माइक्रोकंप्यूटर सिस्टम को नज़दीक और ऑफ़िस के भीतर या विश्व के किसी भी कोने में स्थित दूसरे कंप्यूटर से जोड़ा जा सकता है । सर्वाधिक प्रचलित संचार डिवाइस मोडेम है , जो टेलिफोन द्वारा होने वाले संचार को कंप्यूटर के द्वारा प्रोसेस होने के अनुरूप बनाता है । मोडेम कंप्यूटर आउटपुट को ऐसे प्रकार में परिवर्तित करता है , जिसे टेलीफ़ोन लाइन से एक जगह से दूसरे जगह भेजा जा सकता है ।
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