सिस्टम सॉफ्टवेयर
उपयोगकर्ता विशेष कार्यों को पूरा करने के लिए ऐप्लीकेशन सॉफट्वेयर का प्रयोग करते हैं । उदाहरण के तौर पर हम लैटर , डॉक्युमेंट्स , तथा रिपोर्टस बनाने के लिए वर्ड प्रोसेसर्स का प्रयोग करते हैं । हालांकि उपयोगकर्ता सिस्टम सॉफ्टवेयर का भी प्रयोग करते हैं । सिस्टम सॉफ्टवेयर टेक्नीकल डिटेल्स की बहुलता को संभालने में यूजर्स , ऐप्लीकेशन सॉफ्टवेयर तथा कंप्यूटर हार्डवेयर के साथ काम करते हैं । उदाहरण के तौर पर सिस्टम सॉफ्टवेयर , जहां वर्ड प्रोसेसिंग प्रोग्राम मैमोरी में स्टोर किया जाता है , वहां कंट्रोल करता है , कमांड्स कैसे बदलती हैं ताकि सिस्टम यूनिट उन्हें प्रोसेस कर सके , तथा जहां एक पूरा किया गया डॉक्युमेंट या फाइल सेव की जाती है । चित्र देखें । सिस्टम सॉफ्टवेयर एक सिंगल प्रोग्राम नहीं है । किसी हद तक यह प्रोग्राम्स का कलेक्शन या सिस्टम है जैसे यूजर के मामूली रूप से शामिल होने या न होने से ही सैंकड़ों टेक्नीकल डिटेल्स को संभालता है । सिस्टम सॉफ्टवेयर में चार प्रकार के प्रोग्राम होते है : -
- परेटिंग सिस्टम कंप्यूटर संसाधनों से कोओर्डिनेट करता है , यूजर्स तथा कंप्यूटर के बीच एक इंटरफेस उपलब्ध कराता है , तथा ऐप्लीकेशंस को चलाता है ।
- यूटिलिटीज कंप्यूटर संसाधनों को प्रबन्धन से संबंधित विशेष कार्यों को करती हैं ।
- डिवाइस ड्राइवर्स स्पेशलाइज्ड प्रोग्राम्स हैं जो कंप्यूटर सिस्टम के शेष भाग के साथ संचार संबन्ध स्थापित करने के लिए विशेष इनपुट या आउटपुट डिवाइसिज को अनुमति देता है ।
- लैंग्वेज ट्रांसलेटर प्रोग्रामर्स द्वारा लिखे गए प्रोग्रामिंग निर्देशों को उस लैंग्वेज में बदलते हैं जिसे कंप्यूटर समझता है तथा प्रोसेस करता है ।
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