ऑपरेटिंग सिस्टम

ऑपरेटिंग सिस्टम

क ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोग्राम्स का एक कलेक्शन है जो एक कंप्यूटर के प्रयोग करने से संबंधित अनेक टेक्नीकल डिटेल्स को संभालता है । अनेक प्रकार से एक ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर प्रोग्राम का एक महत्वपूर्ण प्रकार है । एक फंक्शनिंग ऑपरेटिंग सिस्टम के बिना , आपका कंप्यूटर काम का नहीं होगा ।

फंक्शंस

प्रत्येक कंप्यूटर में एक ऑपरेटिंग सिस्टम होता है तथा प्रत्येक ऑपरेटिंग सिस्टम अनेक फंक्शंस करता है । इन फंक्शंस को चार ग्रुपों में वर्गीकृत किया जा सकता है :
  • संसाधनों को मैनेज करना :- ये प्रोग्राम मेमरी , प्रोसेसिंग , स्टोरेज तथा डिवाइसिज जैसे कि प्रिंटर्स तथा मॉनीटर्स सहित कंप्यूटर के सभी संसाधनों से समन्वय करते हैं । ये सिस्टम परफॉरमेंस को मॉनीटर करते हैं , कार्यों का शैड्यूल बनाते हैं , सुरक्षा उपलब्ध कराते हैं , तथा कंप्यूटर को स्टार्ट करते हैं ।
  • यूजर इंटरफेस उपलब्ध कराना :- यूजर्स एक यूजर इंटरफेस के जरिए ऐप्लीकेशंस प्रोग्राम्स तथा कंप्यूटर हार्डवेयर के साथ इंटरेक्ट करते हैं । अनेक पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम एक करैक्टर - आधारित इंटरफेस का प्रयोग करते हैं जिसमें यूजर्स रिटन कमांड्स जैसे कि “ Copy A : assign.doc C " के जरिए ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ कम्युनिकेट करते हैं । लगभग सभी नए ऑपरेटिंग सिस्टम एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस ( जीयूआई ) का प्रयोग करते हैं । जैसा कि हमने में चर्चा की , एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस ग्राफिकल एलीमेंट्स का प्रयोग करता है जैसे कि आइकन तथा विंडोज ।

  •  रनिंग ऐप्लीकेशंस :-  ये प्रोग्राम्स ऐप्लीकेशंस को लोड तथा रन करते हैं जैसे कि वर्ड प्रोसेर्स तथा स्प्रेडशीट्स । अधिकतर ऑपरेटिंग सिस्टम मल्टीटास्किंग को सहयोग देते हैं , या मेमरी में स्टोर की गई भिन्न ऐप्लीकेशंस के बीच स्विच करने की योग्यता रखते हैं । मल्टीटास्किंग के साथ , आप एक साथ वर्ड तथा एक्सेल को रन कर सकते हैं तथा दो ऐप्लीकेशंस के बीच आसानी से स्विच कर सकते हैं ।
फीचर्स   

कंप्यूटर को स्टार्ट तथा रिस्टार्ट करना सिस्टम का बूटिंग कहलाता है । कंप्यूटर को बूट करने के दो तरीके हैं : एक वार्म बूट तथा एक कोल्ड बूट । वार्म बूट तब घटित होता है जब कंप्यूटर पहले से ही ऑन होता है तथा आप इसकी पावर को टर्न ऑफ किए बिना रिस्टार्ट करते हैं । वार्म बूट अनेक तरीकों से किया जा सकता है । कई कंप्यूटर सिस्टम , कीज के एक क्रम को प्रेस करते हुए आसानी से रिस्टार्ट किए जा सकते हैं । उस कंप्यूटर को स्टार्ट करना जो टर्न ऑफ हो चुका हो कोल्ड बूट कहलाता है । आप विशेष तौर पर ग्राफिकल यूजर इंटरफेस के जरिए ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ इंटरेक्ट करते हैं । सबसे अधिक उपलब्ध कराने वाला प्लेस , जिसे डेस्कटॉप कहा जाता है , जो कंप्यूटर संसाधनों तक पहुंच प्रदान करता है । ऑपरेटिंग सिस्टम्स ऐप्लीकेशंस के समान अनेक फीचर्स रखते हैं , जिनमें शामिल हैं 
  • आइकन :- एक प्रोग्राम फाइल के प्रकार , या फंक्शन के लिए ग्राफिक रिप्रेजेंट करता है ।
  • प्वाइंटर :- माउस द्वारा नियंत्रित होता है तथा इसके वर्तमान फंक्शन पर निर्भर करते हुए आकार बदलता है । उदाहरण के तौर पर , जब इसका आकार एक तीर की तरह होता है , प्वाइंटर को आइटम्स सलेक्ट करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है जैसे कि एक आइकन ।
  • विंडोज :- सूचना को डिस्प्ले करने तथा प्रोग्राम्स को रन करने के लिए रेक्टेंग्युलर एरिया ।
  • मेन्युज :- ऑपशंस या कमांड्स की एक सूची उपलब्ध कराता है ।
  • डायलॉग बॉक्स :- सूचना या रिक्वेस्ट इनपुट उपलब्ध कराता है ।
  • हेल्प :- ऑपरेटिंग सिस्टम फंक्शंस तथा प्रोसीजर्स के लिए ऑनलाइन सहायता उपलब्ध कराता है । अधिकतर ऑपरेटिंग सिस्टम डेटा तथा प्रोग्राम्स को फाइलों तथा फोल्डरों के सिस्टम में स्टोर करते हैं ट्रेडिशनल फाइलिंग केबिनेट के विपरीत , कंप्यूटर फाइलें तथा फोल्डर एक स्टोरेज डिवाइस जैसे कि आपकी हार्ड डिस्क पर स्टोर किए जाते हैं । फाइलें डेटा तथा प्रोग्राम्स को स्टोर करने के लिए प्रयोग की जाती हैं । संबंधित फाइलें एक फोल्डर के अंदर स्टोर की जाती हैं तथा आर्गेनाइजेशनल उददेश्यों के लिए , एक फोल्डर में अन्य फोल्डर भी हो सकते हैं । उदाहरण के तौर पर , आप अपनी इलेक्ट्रोनिक फाइलों को आपकी हार्ड डिस्क पर माई डॉक्युमेंट फोल्डर में आर्गेनाइज कर सकते हैं । इस फोल्डर में अन्य फोल्डर भी हो सकते हैं , प्रत्येक को उनकी सामग्री का संकेत देने के लिए नाम दिया जाता है । एक नाम " कंप्यूटर्स " हो सकता है 

 श्रेणियां

जबकि सैंकड़ों भिन्न प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम हैं , इनकी केवल तीन मूल श्रेणियां होती हैं : एम्बेडिङ , नेटवर्क , या स्टैण्ड अलोन ।
  • एम्बेडिड ऑपरेटिंग सिस्टम हैंडहेन्द्र कंप्यूटरों तथा सबसे छोटी डिवाइसिज जैसे पीडीए तथा कुछ स्मार्ट फोन के लिए प्रयोग किए जाते हैं । संपूर्ण ऑपरेटिंग सिस्टम डिवाइस में स्टोर या एम्बेड किया जाता है । आपॅरेटिंग सिस्टम प्रोग्राम्स ROM या रीड - ओनली मेमरी , चिप्स में स्थायी तौर पर स्टोर किए जाते हैं । लोकप्रिय एम्बेडिड ऑपरेटिंग सिस्टम में शामिल हैं विंडोज सीई तथा विडोज एक्सपी एम्बेडिड ।
  • नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम ( एनओएस ) उन कंप्यूटरों को कंट्रोल तथा कोओर्डिनेट करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं जो एक साथ नेटवर्कड या लिंक्ड होते हैं । अनेक नेटवर्क्स छोटे होते हैं तथा केवल कुछ माइक्रोकंप्यूटरों से ही कनेक्ट होते हैं । अन्य नेटवर्क , कॉलेजों तथा यूनिवर्सिटीज में होने वाले नेटवर्क्स की तरह काफी बड़े तथा जटिल होते हैं । ये नेटवर्क अन्य छोटे नेटवर्क्स को शामिल कर सकते हैं तथा विशेष रूप से भिन्न प्रकार के कंप्यूटरों की विविधता से जुड़े होते हैं । नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम विशेष रूप से कंप्यूटरों से जुड़ी हुई हार्ड डिस्कों में से एक पर स्थित होते हैं । इन्हें नेटवर्क सर्वर कहा जाता है , यह कंप्यूटर अन्य कंप्यूटरों के साथ समन्वय स्थापित करता है । लोकप्रिय नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम्स में शामिल हैं नेटवेयर , विंडोज एनटी सर्वर , विंडोज एक्सपी सर्वर तथा यूनिक्स ।
  • स्टैंडअलोन ऑपरेटिंग सिस्टम , जिन्हें डेस्कटॉप ऑपरेटिंग सिस्टम भी कहा जाता है , एक सिंगल डेस्कटॉप या नोटबुक कंप्यूटर को कंट्रोल करता है । ये ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर की हार्ड डिस्क पर स्थित होते हैं । अकसर डेस्कटॉप कम्प्यूटर्स तथा नोटबुक्स एक नेटवर्क का हिस्सा होते हैं । ऐसे में , डेस्कटॉप ऑपरेटिंग सिस्टम संसाधनों को शेयर तथा कोओर्डिनेट करने के लिए नेटवर्क के एनओएस के साथ काम करता है । इन स्थितियों में डेस्कटॉप ऑपरेटिंग सिस्टम को क्लाइट ऑपरेटिंग सिस्टम के तौर पर रेफर किया जाता है । लोकप्रिय डेस्कटॉप ऑपरेटिंग सिस्टम्स में शामिल हैं विंडोज , मैक ओएस तथा यूनिक्स तथा लाइनक्स के भिन्न वर्जन | आपॅरेटिंग सिस्टम को अकसर सॉफ्टवेयर एनवायरनमेंट या प्लेटफॉर्म के तौर पर रेफर किया जाता है । लगभग सभी ऐप्लीकेशन प्रोग्राम एक विशेष प्लेटफॉर्म के साथ चलाने के लिए डिजाइन किए जाते हैं । उदाहरण के तौर पर , एप्पल आईमूवी सॉफ्टवेयर को मैक ओएस एनवायरनमेंट के साथ चलाने के लिए डिजाइन किया जाता है । हालांकि अनेक ऐप्लीकेशंस के भिन्न वर्जन होते हैं , प्रत्येक को एक विशेष प्लेटफॉर्म के साथ चलाने के लिए डिजाइन किया जाता है । उदाहरण के तौर पर माइक्रोसॉफ्ट का एक वर्जन विंडोज को चलाने के लिए डिजाइन किया जाता है । दूसरा वर्जन मैक ओएस के साथ ऑपरेट करने के लिए डिजाइन किया जाता है ।
विंडोज
माइक्रोसॉफ्ट की विंडोज अब तक के सबसे लोकप्रिय माइक्रोकंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम हैं जिनका बाजार आज 90 प्रतिशत है । क्योंकि इसकी बाजार में हिस्सेदारी इतनी बड़ी है कि ऐप्लीकेशन प्रोग्राम किसी अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम के मुकाबले ज्यादा विंडोज के तहत चलाने के लिए विकसित किए जाते खाते माइक्रोप्रोसेसर्स हैं । विंडोज भिन्न वर्जनों की विविधता में आते हैं तथा इनटेल तथा इनटेल से जैसे कि पेंटीयम IV तथा कोर 2 सीरीज के साथ चलाने के लिए डिजाइन किए जाते हैं । माइक्रोसॉफ्ट के डेस्कटॉप ऑपरेटिंग सिस्टम के सारांश के लिए चित्र  देखें । विंडोज के अनेक वर्जन हैं । सबसे नया विंडोज विस्टा , 2007 में रिलीज हुआ था  पिछले सिस्टम विंडोज एक्सपी की तुलना में , विंडोज विस्टा अनेक संशोधन उपलब्ध कराता है । जिनमें शामिल हैं :
  • त्रुटिपूर्ण फाइलों तथा प्रोग्राम्स , जिसमें शामिल है स्पाईवेयर , से रक्षा करने के लिए एडवांस्ड सिस्टम सिक्योरिटी ।
  • ट्रांसपेरेंट कासकेडिंग विंडोज को डिस्प्ले करने के लिए थ्री - डाइमेंशनल वर्कस्पेस 
  • आपत्ति योग्य वेब साइट्स की पहुंच को ब्लॉक करते हुए सुविधाजनक पेरेंटल कंट्रोल कराने के लिए उपलब्ध फिल्टरिंग योग्यताएं ।
नाम                                                                        विवरण 
विंडोज एन . टी . वर्कस्टेशन              क्लाइंट ऑपरेटिंग सिस्टम , जिसे विंडोज़ एन.टी. सर्वर के साथ काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है । 
विंडोज 98                                     स्टैण्ड – अलोन ऑपरेटिंग सिस्टम 
विंडोज़ 2000 प्रोफेशनल              विंडोज़ एन . टी . वर्कस्टेशन में अपग्रेड
विंडोज एम.ई.                               विडोज़ 98 में अपग्रेड ,विशेष रूप से घरेलू यूज़र के लिए डिज़ाइन किए गए ।
विंडोज एक्स.पी.                          विंडोज 2000 में अपग्रेड , जिसमें बेहतर इंटरफेस , स्थिरता और विश्वसनीयता होती है ।
विंडोज 7                                     माइक्रोसॉफ्ट का नवीनतम ऑपरेटिंग सिस्टम , जो ज़्यादा सुरक्षित , तीन आयामी वर्क स्पेस , और फिल्टर की क्षमताएं प्रदान करता है । 

टिप्स क्या कभी आपने आपके वर्तमान ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट करने के बारे में सोचा है ? वायरस तथा अन्य सिक्योरिटी समस्याओं से बचने के लिए आपके कंप्यूटर को नई सिक्योरिटी फीचर्स तथा करेक्शंस के साथ अपडेट करना आवश्यक है । आप निम्न उपायों को अपनाकर विंडोज विस्टा को ऑटोमेटिकली अपडेट कर सकते हैं
  1. स्टार्ट क्लिक करें , ऑल प्रोग्राम्स में जाएं , तथा फिर विडोज अपडेट पर क्लिक करे ।
  2. लेफ्ट पेन में , चेंज सेटिंग्स पर क्लिक करें ।
  3. इन्स्टॉल अपडेट्स ऑटोमेटिकली ( रकमेडिड ) को सलेक्ट करें । 
  4. कमेंट्स के तहत इनक्लूड रेकमेडि अपडेट्स पेन डाउनलोडिंग इन्स्टॉलिंग और नोटिफाइंग मी अबाउट अपडेट्स चेक बॉक्स को सलेक्ट करें , तथा फिर ओके पर क्लिक करें ।

मैक ओएस

एप्पल ने 1984 में इसका मैकिनटोश माइक्रोकंप्यूटर तथा ऑपरेटिंग सिस्टम पेश किया । यह नोविस कंप्यूटर यूजर्स के लिए भी फाइलों को मूव तथा डिलीट करने को आसान बनाने के लिए पहले GUIs में से एक को उपलब्ध कराता है । एप्पल कंप्यूटरों के साथ चलने के लिए निर्मित , मैक ओएस का प्रयोग अधिक नहीं किया जाता जैसे कि विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग दूर - दूर तक किया जाता है । परिणामस्वरूप , कुछेक ऐप्लीकेशंस प्रोग्राम इसके लिए लिखे जाते हैं । इसके बावजूद , मैक ओएस को सबसे अधिक नए ऑपरेटिंग सिस्टम्स में से एक माना जाता है । यह पावरफुल , प्रयोग करने में आसान ऑपरेटिंग सिस्टम है जो प्रोफेशनल ग्राफिक डिज़ाइनरों , डेस्कटॉप पब्लिशर्स , तथा कई घरेलू उपयोगकर्ताओं में लोकप्रिय है ।

मैकिनटोश ऑपरेटिंग सिस्टम के नए वर्जनों में से एक हैं मैक ओएस एक्स । यह ऑपरेटिंग सिस्टम पावरफुल फीचर्स का विशाल संग्रह उपलब्ध कराते हैं जिनमें शामिल हैं स्पॉटलाइट तथा डैशबोर्ड विजेट्स स्पॉटलाइट एक एडवांसड सर्च टूल है जो तेजी से फाइलों , फोल्डरों , ई - मेल मैसेजिस , एड्रेसिज तथा और भी बहुत कार्यों का तेजी से पता लगा सकता है । डैशबोर्ड विजेट्स स्पैशलाइज्ड प्रोग्राम्स का एक कलेक्शन है जो सूचना को लगातार अपडेट तथा डिस्प्ले करता है । मैक ओएस का एक वर्जन , लिओपार्ड है , जो बूट कैम्प को भी शामिल करता है , जो मैकिनटोश कंप्यूटर को मैक ओएस तथा विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम दोनों को चलाने की अनुमति देता है ।

यूनिक्स व लाइनक्स 

यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम मूल रूप से नेटवर्क एनवायरनमेंट्स में मिनीकंप्यूटरों पर चलाने के लिए डिजाइन किए जाते हैं । अब ये पावरफुल कंप्यूटरों तथा वैब पर सर्वर के द्वारा भी प्रयोग किए जाते हैं । यूनिक्स के अनेक भिन्न वर्जन हैं । जिस पर आज अत्यधिक ध्यान दिया जा रहा है , वह लाइनक्स है । लाइनक्स मूल रूप से 1991 में , यूनिवर्सिटी ऑफ हेलसिंकी , लाइनस टोरवाल्डस पर एक ग्रेजुएट विद्यार्थी द्वारा विकसित किया गया था । उसने ऑपरेटिंग सिस्टम कोड के निशुल्क वितरण की अनुमति दी तथा अन्य लोगों को कोड के संशोधन तथा बाद में विकसित करने के लिए प्रोत्साहन दिया । लाइनक्स विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए लोकप्रिय तथा पावरफुल विकल्प है ।

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