परिचय
जब अधिकतर लोग कंप्यूटर के बारे में सोचते हैं , वे वैब सर्फिंग , रिपोर्ट्स तैयार करने , डेटा का विश्लेषण करने , सूचना को स्टोर करने , प्रेजेंटेशंस बनाने तथा किसी भी अन्य वेल्युएबल ऐप्लीकेशंस के बारे में सोचते हैं । हम विशेष रूप से ऐप्लीकेशंस तथा ऐप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के बारे में सोचते हैं । कंप्यूटर तथा कंप्यूटर ऐप्लीकेशंस हमारे रोजाना के जीवन के फैब्रिक का एक हिस्सा बन चुके हैं । हममें से अधिकतर इस बात पर सहमत हैं कि वे बहुत अधिक महत्वपूर्ण हैं .. बशर्ते कि ये काम कर रहे हों । हम आमतौर पर अधिक साधारण तथा पीछे की कंप्यूटर गतिविधियों के बारे में नहीं सोचतेः प्रोग्राम्स को लोड तथा रन करना , उन नेटवर्क्स से कोओर्डिनेट करना जो संसाधनों को शेयर करते हैं , फाईलों को व्यवस्थित करना , हमारे कंप्यूटरों की वायरस से सुरक्षा करना , समस्याओं से बचने के लिए नियत रखरखाव तथा हार्डवेयर डिवाइसिज को कंट्रोल करना ताकि वे एक - दूसरे के साथ संचार संबन्ध स्थापित कर सकें । विशेष तौर पर ये गतिविधियां हमारी सहायता के बिना पीछे होती रहती हैं । यह इसी तरीके से होना चाहिए , यही तरीका है , बशर्ते कि सब कुछ ठीक - ठाक पर सिस्टम सॉफ्टवेयर काम कर रही हो । लेकिन अगर नए ऐप्लीकेशंस प्रोग्राम्स एक - दूसरे से मेल नहीं खाते तथा हमारे वर्तमान कंप्यूटर सिस्टम पर नहीं चले तो क्या होगा ? तब क्या होगा यदि कंप्यूटर में वायरस आ जाए । क्या होगा अगर हमारी हार्ड डिस्क फेल हो जाए क्या होगा अगर हम एक नया डिजीटल वीडियो कैमरा खरीदते हैं तथा हमारे कंप्यूटर सिस्टम पर चित्रों को स्टोर तथा एडिट नहीं कर सकते ? तब क्या होगा यदि हमारे कंप्यूटर बहुल धीमे चलने लगे ? ये बातें साधारण लग सकती हैं , परंतु ये जटिल होती हैं । इस अध्याय में महत्वपूर्ण गतिविधियों को शामिल किया गया है जो पीछे से काम करती हैं । इन गतिविधियों के बारे में थोड़ी सी जानकारी आपकी कंप्यूटिंग लाइफ को आसान बनाने में सहायक हो सकती है । कंप्यूटरों को प्रभावशाली तरीके से प्रयोग करने के लिए , योग्य यूजर्स को ऑपरेटिंग सिस्टम्स , यूटिलिटी प्रोग्राम्स तथा डिवाइस ड्राइवरों सहित सिस्टम सॉफ्टवेयर की कार्यात्मकता को समझने की आवश्यकता है ।
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